सांसद संजय सेठ दादासाहब फाल्के गोल्ड अवार्ड के लिए चुने गए 

कल मिलेगा बेस्ट आइकॉन एमपी झारखंड का सम्मान

सांसद ने कहा मोदी जी के मार्गदर्शन, कार्यकर्ताओं और जनता के आशीर्वाद से मिला यह गौरव।

क्षेत्र की जनता को समर्पित है यह अवार्ड।

रांची : रांची के सांसद  संजय सेठ का चयन दादासाहेब फाल्के आइकन गोल्ड अवार्ड के लिए किया गया है। सांसद श्री संजय सेठ को यह अवार्ड कल 24 जनवरी को नई दिल्ली में दिया जाएगा। दादासाहब फाल्के संस्थान के द्वारा संसद को बेस्ट आइकॉन एमपी झारखंड के रूप में चुना गया है। सांसद का यह चुनाव क्षेत्र में आम जनता के बीच सक्रियता, लोकसभा में उपस्थित, सत्र में सवाल जवाब, क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर सक्रियता, सोशल मीडिया पर सक्रियता सहित सामाजिक क्षेत्र में किए जाने वाले किए गए कार्यों को लेकर हुआ है।

उक्त संस्था ने एक सर्वे के बाद सांसद को इस अवार्ड के लिए नामित किया है। विगत वर्षों में सांसद ने लोकसभा में अपनी सत्र प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराई है। सवालों के मामले में भी सांसद सक्रिय रहे हैं। क्षेत्र के मुद्दे को उन्होंने मुखरता से लोकसभा में रखा है। 3 वर्षों से बुक बैंक के माध्यम से लाखों पुस्तकों का वितरण किया गया। टॉय बैंक के माध्यम से हजारों खिलौने का वितरण किया गया। इसके अतिरिक्त श्री सेठ ने सांसद खेल महोत्सव, सांसद सांस्कृतिक महोत्सव, परीक्षा पर चर्चा को लेकर ड्राइविंग कंपटीशन जैसे कई ऐसे कार्य किए हैं, जिनकी चर्चा राष्ट्रीय पटल पर हुई है।

सोशल मीडिया पर भी सांसद की सक्रियता बहुत अच्छी रहती है। उनके इन्हीं कार्यों को लेकर दादासाहब फाल्के संस्थान ने उन्हें गोल्ड अवार्ड के लिए चुना है। अपने चुनाव पर सांसद श्री संजय सेठ ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी सहित तमाम वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में मैं कार्य कर रहा हूं। उसी का परिणाम आज इस रूप में सामने आया है। सांसद ने कहा की क्षेत्र के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं की अनथक मेहनत, उनके सुझाव, आम जनता का आशीर्वाद और विश्वास के परिणाम स्वरूप आज वह राष्ट्रीय पटल पर चर्चा में है और उन्हें यह सम्मान मिल रहा है। सांसद ने कहा कि यह पुरस्कार क्षेत्र की जनता को समर्पित है क्योंकि क्षेत्र की जनता के स्नेह प्यार और विश्वास ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचा है। यह सम्मान उन्हें कल नई दिल्ली में दिया जाएगा। इस सम्मान के लिए संसद ने दादा साहबफाल्के संस्थान के प्रति भी कृतज्ञता प्रकट की है।

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